ठंडी बर्फ से ढके एक छोटे से गाँव में, इस्ला और उसका प्यारा पिल्ला सैम रहते थे। एक दिन, जब एक तेज़ बर्फीला तूफ़ान आया, तो पूरा गाँव सफेद चादर में ढक गया। लेकिन इस्ला और सैम ने हिम्मत नहीं हारी।
"चलो सैम, हमें मदद करनी है!" इस्ला ने कहा। सैम ने अपनी नाक से रास्ता सूंघा और उन्हें मिस्टर थॉम्पसन के पास ले गया, जो लकड़ियाँ इकट्ठा करने में परेशानी महसूस कर रहे थे। दोनों ने तुरंत मदद की और लकड़ियाँ उनके घर तक पहुँचाईं।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई! रास्ते में उन्होंने एक छोटे से बिल्ली के बच्चे को देखा, जो बर्फ में फंसा हुआ था। "डरो मत, हम आ रहे हैं!" इस्ला ने पुकारा। सैम ने अपनी नाक से बर्फ हटाई और उस छोटे बिल्ली के बच्चे को बचा लिया।
पूरा दिन इस्ला और सैम ने गाँववालों की मदद में बिताया। कहीं रास्ते साफ किए, तो कहीं मुस्कानें बिखेरीं। जब शाम हुई, वे थके हुए लेकिन खुश थे। घर लौटकर, आग के पास बैठे हुए, इस्ला ने मुस्कुराते हुए कहा, "आज हमने सच में कुछ अच्छा किया।"
सैम ने खुशी-खुशी अपनी पूंछ हिलाई। और यही थी उनकी दयालुता और दोस्ती की कहानी, जिसने पूरे गाँव को प्रेरणा दी!